क्या आप जानते हैं कि पेंसिल का आविष्कार किसने और कब किया अगर नहीं तो आप इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें क्योंकि इस आर्टिकल में, मैं आपको बताये हैं कि पेंसिल का खोज किसने किया।
भले ही आज के समय लिखने के लिए कलम का इस्तेमाल करते हैं लेकिन शुरुआती समय में पेंसिल से लिखा जाता था लेकिन आज के समय अलग हो चुकी है क्योंकि पेंसिल से लिखने की वजह कलम से लिखने के इच्छुक है ऐसे में क्या आप जानते हैं जब हम पढ़ने के लिए जाते थे तो कलम की वजह पेंसिल से लिखना सिखाया जाता था।
क्योंकि कलम के लिखा हुआ मिटाया नहीं जा सकता है और वहीं पर पेंसिल के द्वारा लिखा गया मिटाकर फिर से लिख सकते हैं इससे हम अपनी गलतियों को सुधार सकते हैं लेकिन वहीं पर कलम से लिखी गई गलती सुधार नहीं सकते हैं पेंसिल हमारे पैन के मुकाबले में चलाना भी आसान होती है। तो यह बात आपने भी कभी सोची होगी कभी।
क्या आप कभी सोचा है कि पेंसिल कहां से आई लेकिन पेंसिल का इतिहास बहुत ही पुराना है आज से बहुत समय पहले पेंसिल का आविष्कार किया गया था लेकिन इसके अंदर समय के साथ-साथ बदलाव जरुर कर दिए गए थे आज के समय में जिस पेंसिल का होम लिखने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
वह पेंसिल बहुत समय पहले बनाई गई थी लेकिन हमारे जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण पेंसिल है क्योंकि किसी व्यक्ति को पढ़ लिख कर इतना भी बड़े बन जाए लेकिन उसका योगदान पेंसिल का ही है तो आइए हम जानते हैं पेंसिल का आविष्कार किसने किया।
पेंसिल क्या है? (What is pencil in hindi)
पेंसिल एक ग्रेफाइट है जो कि कागज पर चित्र या लिखने के काम आती है पेंसिल दिखने में एकदम सर्कल पतली सी छड़ी केतरह होती है और इस को कागज पर घिसने पर काले कलर का एक निशान छोड़ती है इस छड़ी को दो लकड़ी के टुकड़े के साथ जोड़ी जाती है।
दोस्तों आज के समय में मार्केट में बहुत से प्रकार की पेंसिल उपलब्ध है जो कि इसकी लंबाई तकरीबन 5 inch तक होती है एकदम पतली सी और दिखने में बहुत सुंदर लगती है। तो आइए हम जानते हैं who invented Pencil in hindi बारे में
पेंसिल का आविष्कार किसने किया और इसका इतिहास
पेंसिल एक लेटिन भाषा के शब्द हैं जिसे लेटिन से Penicillus लिया गया है. Penicillus एक पूंछ होता है बहुत समय पहले जानवरों के पूंछ के बाल के ब्रश बनाने के लिए उपयोग किया जाता था।
1564 के आसपास में इंग्लैंड में, एक बहुत बड़ा और भयानक तूफान आया जिसके कारण वहां पर बहुत से पेड़ पौधों जड़ से उखड़ गया और उसी तुफान में बहुत बड़ा पेड़ भी गिर गया और वहां पर जब तूफान खत्म हुआ तो बकरियों के चरवाहे आए। उस चरवाहे ने देखा कि इस पेड़ की जड़ों को बहुत सारा काला पदार्थ लगा हुआ है. सबसे पहले तो उसने उस काले पदार्थ को कोयला सोचा था।
फिर उसने कोयले को जलाने की सूची और वह कोयला की भांति नहीं मिल रहा था लेकिन उस समय उसने सिर्फ काले पदार्थ का नाम ही दिया था फिर उसने उस पदार्थ का नाम ग्रेफाइट रखा उस समय उस ग्रेफाइट से बकरियों को पर निशान बनाने के लिए लिखा जाता था कुछ समय इंग्लैंड के बाजार में गिर ग्रेफाइट को कागज में रखकर भेजा था।
उसके बाद ग्रेफाइट से 16 शताब्दी में ग्रेफाइट से लिखना शुरु किया गया लेकिन उस समय ग्रेफाइट इतना ज्यादा नरम और नाजुक था कि इसे लिखने में बहुत ज्यादा परेशानी होती थी इसलिए उस ग्रेफाइट को एक धागे के अंदर बांधकर लिखना शुरू कर दिया गया। लेकिन 1560 में सबसे पहले इटालियन लोगों ने पेंसिल बनाने के लिए Juniper नामक का पेड़ का उपयोग किया गया।
उस पेड़ को टुकड़े काटकर उसके अंदर ग्रेफाइट डालकर लिखने का शुरुआत किया गया फिर 1660 में जर्मनी में एक लकड़ी के टुकड़े को लेकर के पेंसिल बनाना शुरू किया गया उस समय लकड़ी केछोटे-छोटे टुकड़ों के तराशकर और इनके बीच graphite को रखकर चिपका दिया जाता था।
1790 में इंग्लैंड और फ्रांस के बीच लड़ाई हो गया और उस लड़ाई के बाद इंग्लैंड ने फ्रांस के लिए ग्रेफाइट भेजना बंद कर दिया और फ्रांस में ग्रेफाइट बंद होने के कारण से वहां के लोग बहुत चिंतित होने लगे परन्तु फ्रांस के minister ने अपने commander और Scientist Nicolas-Jacques Conte के इसका कोई सुझाव ढूंढने को कहा।
और उन सभी ने कुछ दिनों की खोजन शुरू किया कुछ समय के बाद Nicholas ने एक दिन पानी के अंदर चिकनी मिट्टी देखे उसके बाद उसने मिट्टी और ग्रेफाइट को एक साथ मिक्स किया उसके बाद उसका एक मिश्रण बनाया और उस मिश्रण को सूखने के लिए धूप में रख दिया
जब वह मिश्रण पुरी तरह से सूख गया तो इसके उसे भठ्टी के अंदर जलाया और उसी समय निकोलस ने एक और चीज देखी चिकनी मिट्टी को कम ज्यादा करने पर पेंसिल से लिखने में, कुछ फर्क आ रहा था और वहां से H और HB जैसे पेंसिल के बनाने की शुरुआत की गई और वहां से पेंसिल आरंभ हुआ।
सन् 1795 में पेंसिल बनना आरंभ हो जाने के बाद पेंसिल के अंदर बहुत से बदलाव हुआ और आज के समय में बहुत ही अलग-अलग तरह की पेंसिल मिलती है। इनमें मुख्य रुप से हमारे सामने लगभग 2B,HB,6H जैसी पेंसिल हमें बाजार में मिलती हैं क्या आप H और B का मतलब जानते हैं।
पेंसिल में Hऔर B क्या होता है. अगर आप इसका मतलब नहीं जानते है तो मैं आपको बता दूं कि H का मतलब Hard है. और B का मतलब Black होता है. इसलिए पेंसिल के HB पेंसिल कहते है।
ये भी पढ़े:-
निष्कर्ष
मुझे उम्मीद है कि आपको पेंसिल का आविष्कार किसने और कब किया इसके बारे में पूर्ण रूप से पता चल गया होगा अगर आपको इसके अलावा और भी सवाल है तो आप हमें कमेंट में बता सकते हैं मैं आपका सवाल की पूरी रिप्लाई देने की कोशिश करूंगा।
अगर हमारे द्वारा लिखे गए आर्टिकल में कहीं पर भी गलती हो तो आप हमें कॉमेंट के जरिए उस आर्टिकल को एडिट करवा सकते हैं।
दोस्तों अगर हमारे आर्टिकल आपको पसंद आया तो इस आर्टिकल को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करना ना भूलें क्योंकि दोस्तों एक आर्टिकल लिखने में बहुत ज्यादा मेहनत करना पड़ता है इसलिए आपसे अनुरोध है कि आप इस आर्टिकल को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अवश्य शेयर करें।